2016 से 2019 तक बीएड करने वालों के नियोजन पर कोर्ट की रोक ।
आज होना था नियुक्ति पत्र का वितरण छठे चरण के शिक्षक नियोजन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर विभाग ने 26 सितम्बर 2019 को एक निर्देश जारी किया था। चूंकि इस नियोजन में 2011 एसटीईटी उत्तीर्ण (ट्रेंड व अनट्रेंड) अभ्यर्थी सहभागी हैं और इसका रिजल्ट 2012 में आया था। 2019 जुलाई में आए नियोजन विज्ञापन में कहा गया था कि रिजल्ट के अगले पांच साल में बीएड करने वाले एसटीईटी उत्तीर्ण अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी आवेदक होंगे। बाद में कोर्ट के आदेश से ही बीएड उत्तीर्णता का वर्ष 2019 तक पहुंच गया। फिर 2016 से 2019 तक बीएड करने वालों का भी आवेदन लिया गया। एलपीए में इन्हीं आवेदकों पर आपत्ति है। इस पर गुरुवार को सुनवाई है।
बिहार की नियोजन इकाइयों में (पटना को छोड़) चल रही छठे चरण के तहत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 2016-18 तथा 2017-19 सत्र में बीएड की डिग्री लेने वालों की नियुक्ति प्रक्रिया पर शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह रोक राकेश कुमार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में दायर एलपीए पर पटना हाईकोर्ट के 15 सितम्बर के आदेश के अनुपालन में लगाई गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि इस श्रेणी के अभ्यर्थी यदि अंतिम रूप से चयनित हों तो उनको नियुक्ति पत्र नहीं दें।
शिक्षा विभाग ने 15 सितम्बर को ही दूसरे समव्यवहार के तहत नियोजन कार्यक्रम जारी किया था। इसके तहत बुधवार 28 सितम्बर को नियुक्ति पत्र बंटना है। अब विभाग ने कहा है कि 2016 से 2019 तक बीएड करने वाले अर्थात वैसे अभ्यर्थी जो 13 जनवरी 2020 और 31 जनवरी 2020 के विभागीय आदेश से आच्छादित हैं, उनके नियोजन पर अगली सुनवाई तक रोक रहेगी। हालांकि इन्हें छोड़कर अन्य अभ्यर्थियों को बुधवार को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।