खास खबर चढ़ा हैं समाजसेवा का जुनून " डॉ ० हुसैन भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " ट्रस्ट का गठन
जिंदगी को लोग अपने-अपने मिजाज से जीते हैं। कोई खुद के लिए जीता हैं तो कोई समाज और देश के लिए।जो खुद के लिए जीता हैं, दुनिया उसको नोटिस नहीं करती। लेकिन जो दूसरों के लिए जीता है, दुनिया उसे सलाम करती हैं। समाज उसको महामानव की पंक्ति में खड़ा कर देता हैं। दुनियां उसे ही हीरो मानने लगती हैं। इस प्रकार के व्यक्ति दुसरो के लिए प्रेरणा स्रोत का काम भी करते हैं।ऐसे कुछ नाम हैं, जिनकी पहचान एक आदर्श समाजसेवी के रूप में की जाती हैं।इनमें से एक हैं :- डॉ० मो ० सद्दाम हुसैन । सहरसा जिले के सहरसा सदर अनुमंडल मुख्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ० मो ० सद्दाम हुसैन के नेतृत्व में " डॉ ० हुसैन भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " नाम का एक ट्रस्ट गठन किया गया।
" डॉ 0 भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री एम. एस. हुसैन, सचिव - श्रीमति एन. प्रवीण , कोषाध्यक्ष - श्री , सदस्य - , एवं श्री जी के द्वारा संयुक्त रूप से भारतीय परंपरा के अनुसार अवर निबंधन पदाधिकारी श्री .....जी को पाग, शॉल एवं गुलदस्ता देकर भव्य स्वागत किए । सामाजिक कार्यकर्ता डॉ ० मो ० सद्दाम हुसैन ने कहा कि " डॉ ० हुसैन भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " ट्रस्ट का गठन कर निबंधित कराने का मेरा मुख्य उद्देश्य है, कि समाज में स्थाई सुख, शांति, संगठन, सद्भाव एवं विश्वास के साथ गुणों की स्थापना हेतु ट्रस्ट का स्थापना किया गया है । ट्रस्ट का लक्ष्य एवं उद्देश्य पूर्ण रूप से समाज के उत्थान के लिए होंगे और उनके आय से बिना किसी पक्षपात के सर्व कल्याणनार्थ प्रयोग की जाएगी, इसमें कोई भी ऐसी कार्य सम्मिलित नहीं होगा, जिसमें किसी प्रकार का व्यक्तिगत लाभ अभिप्रीत हो । बहुत बड़े महान लक्ष्य को लेकर " डॉ ० हुसैन भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " ट्रस्ट का गठन किया गया है । मेरा सपना है कि भारत को दुनिया के मानचित्र पर नंबर वन देखना चाहता हूं ऐसी हमारी अभिलाषाये हैं, इस सपना को साकार करने के उद्देश्य से देशहित, समाज हित एवं राष्ट्रीय हित में अपना जीवन समर्पित कर रहा हूं सभी देशवासियों से विनम्र आग्रह है कि इस महान लक्ष्य में हमे सहयोग करें, ताकि भारत को विश्व गुरु की सपनों को साकार हो सके ।
हमारा मानना है कि " डॉ ० हुसैन भारतीय राष्ट्रीय विकास मिशन " को समाज से सिर्फ कदमताल नहीं करनी चाहिए,बल्कि जरूरत पड़ने पर उससे कुछ कदम आगे बढ़कर गाइड की भूमिका अदा करनी चाहिए।