सोमवार, 27 मार्च 2023

राज्य के न्यायालयों में 1500 डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होंगे

 न्यायालयों में 1500 डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होंगे

 
राज्य के न्यायालयों में 1500 डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होंगे
राज्य के न्यायालयों में 1500 डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होंगे

● पटना के अदालतगंज में पटना हाईकोर्ट के कर्मियों का आवास बनेगा

पटना। राज्य के विभिन्न न्यायालयों में 1500 डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होंगे। राज्य कैबिनेट ने इसके पदों के सृजन पर मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल सात प्रस्तावों पर राज्य कैबिनेट की सहमति प्राप्त हुई।

कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि पटना के अदालतगंज में पटना उच्च न्यायालय के कर्मियों के लिए आवास बनेगा। भवन निर्माण विभाग इन आवासों का निर्माण करेगा। जैविक खेती को विस्तार देने के लिए भी कैबिनेट ने अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी है।

बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय को 73 करोड़ वैशाली जिले के लालगंज में बन रहे बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में प्रदर्श लगाने और उसकी डिजाइन तैयार करने के लिए कैबिनेट ने 73 करोड़ की स्वीकृति दी है। मालूम हो कि संग्रहालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसी वर्ष निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। इसी को लेकर उक्त राशि मंजूर की गई है।

आभार:- हिंदुस्तान 28/03/2023


डाटा एंड सिस्टम एनालिस्ट नियुक्त होने के लिए तैयारी करें:-
हिन्द. मिशन एकेडमी सहरसा


hindmission.Com


रमज़ान में कितने असरे होते हैं, जानिए....

 रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें 30 दिनों तक रोजे रखे जाते हैं. इस्लाम के मुताबिक, पूरे रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जो पहला, दूसरा और तीसरा अशरा कहलाता है. अशरा अरबी का 10 नंबर होता है. इस तरह रमजान के पहले 10 दिन (1-10) में पहला अशरा, दूसरे 10 दिन (11-20) में दूसरा अशरा और तीसरे दिन (21-30) में तीसरा अशरा बंटा होता है.

इस तरह रमजान के महीने में 3 अशरे होते हैं. पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा अशरा जहन्नम (Hell) की आग से खुद को बचाने के लिए होता है. रमजान के महीने को लेकर पैगंबर मोहम्मद ने कहा है, रमजान की शुरुआत में रहमत है, बीच में मगफिरत यानी माफी है और इसके अंत में जहन्नम  (Hell) की आग से बचाव है.

रमजान के शुरुआती 10 दिनों में रोजा-नमाज करने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है. रमजान के बीच यानी दूसरे अशरे में मुसलमान अपने गुनाहों से पवित्र हो सकते हैं. वहीं, रमजान के आखिरी यानी तीसरे अशरे में जहन्नम की आग से खुद को बचा सकते हैं.

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