बुधवार, 23 नवंबर 2022

शिक्षिकाओं का मूल्यांकन बालिकाओं की दक्षता पर

 शिक्षिकाओं का मूल्यांकन बालिकाओं की दक्षता पर

क्या दक्षता दिलानी है

हिंदी 

● अ से ज्ञ तक अक्षर को पहचानना सही व सुंदर लिखना-पढ़ना

● बिना मात्रा, एक मात्रा व मिश्रित मात्रा के सभी कोटि के कम से कम 50 शब्दों को समझना, शुद्ध-शुद्ध लिखना व पढ़ना

● संलग्न गद्यांशों को ठीक उच्चारण व पढ़ना व समझ के साथ लिखना

अंग्रेजी

● ए से जेड तक कैपिटल एवं स्मॉल अक्षरों के साथ कर्सिव राइटिंग में शुद्ध व साफ लिखना व पढ़ना

● 100 संज्ञा का नाम, अर्थ, स्पेलिंग सहित शुद्ध लिखना व पढ़ना

● 10 से 15 सर्वनाम अर्थ व स्पेलिंग सहित शुद्ध लिखना व पढ़ना

● 25 क्रिया का नाम अर्थ व स्पेलिंग सहित शुद्ध लिखना व पढ़ना

● 25 विशेषज्ञ शब्दों को अर्थ और स्पेलिंग शुद्ध लिखना व पढ़ना

गणित

● 1 से 1000 तक संख्या को पहचानना, संख्या व संख्या नाम की समझ विकसित करना

● 2 से 9 तक का पहाड़ा लिखना और पढ़ना

● इकाई, दहाई, सैकड़ा व हजार की समझ विकसित करना

● जोड़-घटाव, गुणा-भाग तक की क्रिया व इसका उपयोग

 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकित 6, 7 व 8 वर्ग की बालिकाओं की दक्षता अब वार्डेन व शिक्षिका के कार्यों के मूल्यांकन का भी आधार होगा। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इस संबंध में सरकार के निर्णय को लेकर बालिकाओं की दक्षता की समय सीमा भी तय कर दी है। इस विद्यालय में टाईप 1 व 3 में नामांकित बालिकाओं को हर हाल में 10 जनवरी 2023 तक हिंदी, अंग्रेजी और गणित में निर्धारित दक्षता प्राप्त करानी होगी।

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला जेंडर समन्वयकों को पत्र लिखकर सरकार के निर्णय की जानकारी दी है। उन्हें कहा गया है कि हर हाल में विभाग के निर्देश का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति का दायित्व जिला जेंडर समन्वयक का होगा, जबकि वार्डेन और अंशकालिक शिक्षिका के कार्यों के मूल्यांकन का भी आधार होगा। असंगबा चुबा ने कहा कि विद्यालय के वार्डेन व अंशकालिक शिक्षिका बालिकाओं के साथ कड़ी मेहनत करेगी। शनिवार को छोड़कर विद्यालय कार्य दिवस में प्रतिदिन कम से कम 2 घंटा और शनिवार और रविवार को 5 घंटा बालिकाओं को अध्ययन कराते हुए लक्ष्य को निर्धारित तिथि तक पूरा कराएगी। इसके बाद मूल्यांकन कर संलग्न प्रपत्र में जिला कार्यालय को प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगी। जिला कार्यालय इस रिपोर्ट को समेकित रूप में राज्य कार्यालय को भेजेगा।


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Hindustan 24/11/22

बेहतर काम करने में बांका एडीएम अव्वल, अररिया फिसड्डी

 बेहतर काम करने में बांका एडीएम अव्वल, अररिया फिसड्डी


36 जिलों को 50 फीसदी से अधिक अंक

प्रदर्शन तालिका में जिलों का प्रदर्शन ठीक-ठाक ही रहा है। 36 जिलों को 50 फीसदी से अधिक अंक मिले हैं। हालांकि केवल दो जिले ही 70 फीसदी से अधिक अंक पा सके-जिनमें बांका और पूर्णिया शामिल हैं। ऐसे 75 फीसदी से अधिक केवल एक जिला बांका को ही मिला है। उसे सर्वाधिक 78.48 फीसदी अंक मिले हैं। 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले जिले सहरसा और अररिया हैं। सहरसा को 49.60 जबकि अररिया को 40.91 फीसदी अंक ही मिले।

बदलेगा निरीक्षण का पैटर्न

अंचल निरीक्षण के मौजूदा पैटर्न के कारण कई अपर समाहर्ताओं को शून्य अंक मिले। इससे मंत्री भी हैरत में थे। उन्होंने इस संबंध में सुझाव मांगा। बांका के अपर समाहर्ता ने सुझाव दिया कि अभी के फॉर्मेट में सिर्फ सीओ ऑफिस के निरीक्षण का प्रावधान है। अंचल कार्यालय की संख्या सीमित होने की वजह से निरीक्षण में दुहराव होता रहता है। इसलिए आगे से हल्का निरीक्षण का भी प्रावधान होना चाहिए। इसपर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने आईटी को राजस्व कर्मचारियों की जांच के प्रावधान करने का निर्देश दिया। अब आगे से अपर समाहर्ता अपने जिलों के हल्का की जांच करेंगे और उसकी मासिक रिपोर्ट विभाग को भेजेंगे।

अब हर महीने अपर समाहर्ताओं की होगी रैंकिंग, काम के आधार पर मिलेगा जिलों को अंक , तीन सबसे खराब काम करने वाले अपर समाहर्ताओं को नोटिस दिया जाएगा

जिलों की रैंकिंग

1. बांका 2. पूर्णिया 3. सारण 4. भागलपुर 5. मधेपुरा 6. कैमूर 7. पूर्वी चंपारण 8. बक्सर 9. नवादा 10. कटिहार 11. नालंदा 12. पटना 13. जहानाबाद 14. शिवहर 15. सीतामढ़ी 16. किशनगंज 17. सुपौल 18. समस्तीपुर 19. गया 20. सीवान 21. वैशाली 22. दरभंगा 23. अरवल 24. लखीसराय 25. मुजफ्फरपुर 26. मुंगेर 27. जमुई 28. शेखपुरा 29. रोहतास 30. मधुबनी 31. पश्चिमी चंपारण 32. औरंगाबाद 33. बेगूसराय 34. भोजपुर 35. गोपालगंज 36. खगड़िया 37. सहरसा 38. अररिया

पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य सरकार भूमि से जुड़े अपर समाहर्ताओं के कार्यों के आधार पर उनकी रैकिंग करेगी। यही नहीं, तीन सबसे बेहतर कार्य करने वाले अपर समाहर्ताओं को सम्मानित करेगी और उन्हें प्रशस्ति पत्र देगी। जबकि, तीन सबसे खरीब काम करने वाले अपर समाहर्ताओं को कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा। यदि खराब प्रदर्शन करने वाले अपर समाहर्ताओं का जवाब असंतोषजनक होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। बुधवार को विभाग ने अक्टूबर के लिए पीओपी (परफार्मेंस ऑन ऑब्जेक्टिव पारामीटर्स) जारी किया। इसके आधार पर बांका जिले को पहला स्थान मिला है, जबकि अररिया सबसे फिसड्डी जिला रहा।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने शास्त्रत्त्ीनगर स्थित सर्वे भवन में अपर समाहर्ताओं की मासिक बैठक में इस निर्णय की जानकारी दे दी थी। हालांकि रिपोर्ट आज जारी की गई। विभाग 6 विषयों पर अपर समाहर्ताओं के कार्यों की समीक्षा करता है। इसमें 100 में सर्वाधिक 35 अंक दाखिल-खारिज सुपरविजन पर है। अंचल कार्यालय के निरीक्षण पर 5 अंक निर्धारित हैं। हैरत की बात तो यह है कि इसमें कई अपर समाहर्ताओं को शून्य अंक मिले हैं।


Hindustan 24/11/2022

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