बुधवार, 28 सितंबर 2022

Inter Admission News :- बिहार बोर्ड दस लाख 27 हजार सीटें रह गईं खाली

बिहार बोर्ड दस लाख 27 हजार सीटें रह गईं खाली।

छह जिलों के स्कूल व कॉलेज में सबसे ज्यादा सीटें खाली

जिला कुल खाली सीटें
पटना 83958
मधुबनी 69969
दरभंगा 59120
नालंदा 57526
मुजफ्फरपुर 50872
सारण 45649

30 से ऑन स्पॉट नामांकन
बोर्ड की मानें तो स्पॉट नामांकन के लिए छात्रों द्वारा आवेदन संबंधित स्कूल या कॉलेज में जमा होगा। इसके बाद 30 सितंबर को स्कूल या कॉलेज द्वारा स्पॉट नामांकन की चयन सूची जारी की जायेगी। इसके अलावा ईमेल और एसएमएस से भी छात्रों को चयन सूची भेजी जायेगी। इसके बाद 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक नामांकन लिया जा सकेगा। नामांकन लेने के बाद तीन अक्टूबर तक ओएफएसएस पर अपडेट करना है। पांच अक्टूबर को पोर्टल बंद कर दिया जायेगा।

आधे से अधिक कॉलेज और स्कूलों में हैं सीटें खाली
ओएफएसएस पोर्टल पर जारी सूची की मानें तो राज्य भर के आधे से अधिक कॉलेज और स्कूलों में सीटें खाली हैं। बोर्ड ने कुल 7756 स्कूल और कॉलेज के लिए नामांकन सूची निकाली थी। इनमें चार हजार से अधिक स्कूल और कॉलेज में सीटें खाली रह गई हैं। इनमें पटना जिले के 1198 स्कूल और कॉलेज शामिल हैं। वहीं मधुबनी में 1157 स्कूल और कॉलेजों में सीटें खाली हैं।

पटना जिले में 83 हजार से अधिक सीटें खाली

राजधानी पटना समेत सूबे के ज्यादातर जिलों के स्कूल और कॉलेजों में हैं सीटें खाली, स्पॉट नामांकन लेने वाले छात्र पसंद के कॉलेज या स्कूल में दाखिला ले सकते हैं
पटना,वरीय संवाददाता । बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट में रिक्त सीटों की सूची ओएफएसएस पर जारी कर दी है। राज्य भर के इंटर कॉलेज और स्कूल मिलाकर 10 लाख 27 हजार 10 सीटें खाली रह गई हैं। सबसे ज्यादा सीटें पटना जिले में 83 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। अब स्पॉट नामांकन लेने वाले छात्र अपनी पसंद के कॉलेज या स्कूल में नामांकन ले सकते हैं।
बोर्ड द्वारा कॉलेज और स्कूलों के संकायवार सीटों की संख्या जारी की गई है। जिससे छात्र अपनी पसंद के कॉलेज और स्कूल की सीटें देख सकें। नामांकन के लिए संबंधित स्कूल में आवेदन कर सकें। बोर्ड की मानें तो सबसे ज्यादा कला संकाय में चार लाख से अधिक सीटें खाली हैं। वहीं, वाणिज्य संकाय में दो लाख से अधिक और विज्ञान संकाय में तीन लाख से अधिक सीटें खाली रह गई हैं।
ज्ञात हो कि सीटें खाली रहने का फायदा उन छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने अभी तक नामांकन नहीं लिया है या नामांकन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है। बोर्ड द्वारा 27 से 29 सितंबर तक छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प दिया गया है। बिहार बोर्ड द्वारा राज्य भर के 7756 स्कूल और कॉलेजों के लगभग 25 लाख सीटें इंटर नामांकन के लिए जारी की गई थी। नामांकन के लिए ओएफएसएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन मांगे गये थे। इनमें राज्य भर से 13 लाख 16 हजार एक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें प्रथम चयन सूची में 12 लाख 923 छात्र और छात्राओं का नाम था।

Bihar News :- सहरसा सहित 4 शहरों में एफएम रेडियो स्टेशन बनेंगें :-

सहरसा सहित 4 शहरों में एफएम रेडियो स्टेशन बनेंगें :-

देश में 25 एफएम रेडियो स्टेशन बनेंगे
देश भर में 25 एफएम रेडियो स्टेशन स्थपित करने की योजना है। इसमें नैनीताल, पिथौरागढ़, दरभंगा, नांदयाल, कटिहार, सहरसा, जगदलपुर, देवभूमि द्वारका, भुज, राधानगर, सिमोगा, उडूपी, लेह, अंबजोगई, बारासोर, जैसलमेर, कुबाकोणम, भेल्लोर, गोपालगंज, कोंडागांव, नारायणपुर, पाकुड़, सीकड़, येरकोड, फरूखाबाद शामिल हैं। ये सभी पूर्व से दूरदर्शन के स्टेशन थे।

 सहरसा के लोग जल्द ही एफएम रेडियो का लुत्फ उठा सकेंगे। केंद्र सरकार ने सूबे के सहरसा सहित कटिहार, दरभंगा और गोपालगंज में एफएम रेडियो स्टेशन खोलने पर मुहर लगा दी है। सबसे अधिक क्षमता वाला स्टेशन सहरसा में स्थापित होगा।
सहरसा रेडियो स्टेशन के खुलने से खगड़िया, सुपौल, मधेपुरा, दरभंगा सीमावर्ती के लोग भी लाभान्वित होंगे। यहां 10 किलोवाट की क्षमता होगी जिससे 70 से 80 किलोमीटर के दायरे में लोग एफ एम रेडियो का लुत्फ उठा सकेंगे। वर्तमान में सहरसा के दिवारी में 100 वाट का एफएम स्टेशन काम कर रहा था। कटिहार और दरभंगा में पांच-पांच किलोवाट क्षमता का एफएम रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इससे 20 किमी के दायरे के लोगों को फायदा होगा। गोपालगंज में एक किलोवाट क्षमता वाला एफएम रेडियो स्टेशन बनाया जाएगा। 2021 में केंद्र ने तीन फेज में अधिकांश केंद्रों को बंद कर दिया था। इसमें सहरसा सहित अन्य दूरदर्शन केंद्र शामिल थे। सांसद, दिनेश चंद्र यादव बताते हैं कि सहरसा के दिवारी स्टेशन में दूरदर्शन केंद्र बंद होने के बाद से ही एफएम रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रयासरत था। 

Teacher Vacancy News :- 2016 से 2019 तक बीएड करने वालों के नियोजन पर कोर्ट की रोक

2016 से 2019 तक बीएड करने वालों के नियोजन पर कोर्ट की रोक ।


आज होना था नियुक्ति पत्र का वितरण छठे चरण के शिक्षक नियोजन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर विभाग ने 26 सितम्बर 2019 को एक निर्देश जारी किया था। चूंकि इस नियोजन में 2011 एसटीईटी उत्तीर्ण (ट्रेंड व अनट्रेंड) अभ्यर्थी सहभागी हैं और इसका रिजल्ट 2012 में आया था। 2019 जुलाई में आए नियोजन विज्ञापन में कहा गया था कि रिजल्ट के अगले पांच साल में बीएड करने वाले एसटीईटी उत्तीर्ण अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी आवेदक होंगे। बाद में कोर्ट के आदेश से ही बीएड उत्तीर्णता का वर्ष 2019 तक पहुंच गया। फिर 2016 से 2019 तक बीएड करने वालों का भी आवेदन लिया गया। एलपीए में इन्हीं आवेदकों पर आपत्ति है। इस पर गुरुवार को सुनवाई है।
बिहार की नियोजन इकाइयों में (पटना को छोड़) चल रही छठे चरण के तहत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 2016-18 तथा 2017-19 सत्र में बीएड की डिग्री लेने वालों की नियुक्ति प्रक्रिया पर शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह रोक राकेश कुमार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में दायर एलपीए पर पटना हाईकोर्ट के 15 सितम्बर के आदेश के अनुपालन में लगाई गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि इस श्रेणी के अभ्यर्थी यदि अंतिम रूप से चयनित हों तो उनको नियुक्ति पत्र नहीं दें।
शिक्षा विभाग ने 15 सितम्बर को ही दूसरे समव्यवहार के तहत नियोजन कार्यक्रम जारी किया था। इसके तहत बुधवार 28 सितम्बर को नियुक्ति पत्र बंटना है। अब विभाग ने कहा है कि 2016 से 2019 तक बीएड करने वाले अर्थात वैसे अभ्यर्थी जो 13 जनवरी 2020 और 31 जनवरी 2020 के विभागीय आदेश से आच्छादित हैं, उनके नियोजन पर अगली सुनवाई तक रोक रहेगी। हालांकि इन्हें छोड़कर अन्य अभ्यर्थियों को बुधवार को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।

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