

● एनसीईआरटी की किताबें नहीं चलाने वाले निजी स्कूलों पर होगी कार्रवाई● हर कक्षा में 80 एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य पर निजी स्कूल नहीं मानते नियम
पटना। सीबीएसई ने नए सत्र शुरू होने के पहले 25 मार्च तक सभी स्कूलों से किताबों की सूची मांगी है। स्कूलों को कक्षा वार किताबों की सूची (साथ में नोटबुक, स्टेशनरी) बोर्ड को उपलब्ध करवानी है। जिन स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें नहीं होंगी, बोर्ड उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। स्कूल की सूची में 80 फीसदी किताबें एनसीईआरटी की होनी चाहिए। सूची उपलब्ध होने के बाद इसकी समीक्षा होगी।
बता दें कि एनसीईआरटी की किताबें पांच से छह सौ रुपए में मिलती है। वहीं, निजी प्रकाशन की किताबों पर सात से आठ हजार रुपये खर्च होता है। निजी स्कूलों में अभिभावकों को एनसीईआरटी की जगह दूसरे प्रकाशनों की किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने पर आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने अभियान चलाया। ‘निजी प्रकाशन की किताबें 15 और स्टेशनरी 10 फीसदी हुई महंगी’ शीर्षक से 19 फरवरी को यह खबर प्रकाशित हुई थी। खबर पर संज्ञान में लेते हुए सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय ने सभी स्कूलों को चेताया है। साथ ही कहा कि कोई स्कूल एनसीईआरटी की किताबें नहीं चलाता हैं तो कारण बताओ नोटिस देने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।