

● लगभग 30 हजार माध्यमिक शिक्षक पदों पर नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी● शिक्षा विभाग अब छठे चरण की नियुक्ति बंद करने की तैयारी में● 72000 प्रारंभिक विद्यालयों में 90 हजार 762 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जुलाई 2019 में आरंभ हुई थी
पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य की छूटी हुई नियोजन इकाइयों में अंतिम राउंड में नियुक्ति पत्र वितरण का भी निर्धारित कार्यक्रम पूर्ण हो चुका, लेकिन परिणाम पूर्व के नियोजन शिड्यूल की तरह ही निराशाजनक रहा। अंतिम चरण के कार्यक्रम में जिन नियोजन इकाइयों में प्रक्रिया चल रही थी, आरंभिक सूचना के मुताबिक वहां 300 शिक्षक भी शिक्षा विभाग को अंतिम रूप से नहीं मिल पाए।
छठे चरण के तहत 1.22 लाख शिक्षक पदों में से करीब 79 हजार खाली रह गये हैं। इनमें प्रारंभिक के 49 हजार पदों के अलावा हाईस्कूल-प्लसटू के करीब 30 हजार पद शामिल हैं। जानकारों की मानें तो लम्बी चली नियोजन प्रक्रिया के चलते बड़ी संख्या में योग्य शिक्षक दूसरे राज्यों और अन्य कार्यों में लग गये, जिससे नियोजन का यह हाल हुआ।
42 हजार से भी कम प्रारंभिक शिक्षक बहाल किये जा सके गौरतलब हो कि छठे चरण के तहत राज्य के 72000 प्रारंभिक विद्यालयों में 90 हजार 762 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जुलाई 2019 में आरंभ हुई थी। दो-तीन बार में 41 हजार से कुछ अधिक शिक्षक नियुक्त किये जा सके थे। प्राथमिक निदेशालय ने सभी 9000 नियोजन इकाइयों में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से 29 जुलाई 2022 को छूटी हुई नियोजन इकाइयों के लिए एक और नियुक्ति कार्यक्रम जारी किया। इसकी 75 नियोजन इकाइयों में 7 से 10 सितम्बर तक नियोजन पत्र बांटे जाने थे। इसके पूर्व 26 अगस्त को काउंसिलिंग सह प्रमाण पत्रों का मिलान होना था। योग्य अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग में कुल आमद ही 300 से कम रही। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियुक्ति पत्र कितनों को दिया गया होगा। हालांकि इसकी अंतिम रिपोर्ट अगले एक दो दिन में जिले विधिवत प्राथमिक निदेशालय को भेजेंगे। इस तरह कुल मिलाकर 90762 पदों में से 42 हजार से भी कम प्रारंभिक शिक्षक बहाल किये जा सके और इनके लगभग 49 हजार पद खाली रह गये।