
राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए अंतिम रूप से चयनित कुल 593 शिक्षक अभ्यर्थियों को राज्य सरकार ने नियुक्ति पत्र रोक दिया है। यह रोक पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर 26 सितम्बर को विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मद्देनजर जिलों ने लगाई है।
28 सितम्बर को सारण समेत 37 जिलों की जिला परिषद नियोजन इकाइयों द्वारा इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना था लेकिन अब राकेश कुमार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में पटना हाईकोर्ट द्वारा आदेश आने के बाद ही इनके भविष्य पर फैसला हो पाएगा।
जुलाई 2019 से चल रहे छठे चरण के हाईस्कूल-प्लसटू शिक्षकों के नियोजन के पहली मेधा सूची से राज्यभर में 32714 पदों के विरुद्ध महज 2716 शिक्षक नियुक्त हो सके। 29998 पद खाली रह गये। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिला परिषद नियोजन इकाइयों के लिए दूसरे समव्यवहार के तहत 28 सितम्बर को योग्य अभ्यर्थियों के अंतिम चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए नियुक्ति पत्र बांटने का शिड्यूल जारी किया। इसके तहत जहां 36 जिलों में तय तिथि को ही नियुक्ति पत्र बांटे गये, वहीं सारण में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली की बात सामने आने के कारण सघन जांच के बाद 1 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र बंटने की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिली।
विदित है कि पटना जिला परिषद में अभी आवेदन की ही प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरी मेधा सूची से 37 जिलों में सिर्फ 36 शिक्षकों को नियुक्त पत्र मिले। इनमें उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की संख्या सिर्फ चार है जबकि 32 शिक्षक हाईस्कूलों में बहाल हुए हैं। 17 हाईस्कूल शिक्षक अकेले सारण जिला परिषद ने नियुक्त किये हैं।