रविवार, 2 अक्टूबर 2022

News :- छठा चरण शिक्षक नियोजन शिक्षा विभाग ने 593 अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र रोका

शिक्षा विभाग ने 593 अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र रोका

शिक्षा विभाग ने 593 अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र रोका

550 चयनित भोजपुर में नियुक्ति पत्र के इंतजार में

जिन 593 चयनित अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र न्यायालय के आदेश के अनुपालन में रोका गया है उनमें तकरीबन 90 फीसदी अकेले भोजपुर जिले के हैं। यहां 26 सितम्बर के विभागीय आदेश के मद्देनजर पैनल निर्माण समिति ने सूची को ही अनुमोदित नहीं किया है। भोजपुर आरा में हिन्दी के 122, 9 शारीरिक शिक्षा, गणित के 45, उर्दू के 51, संस्कृत के 88, विज्ञान के 63, सामाजिक विज्ञान के 10, वहीं प्लसटू में राजनीति शास्त्रत्त् के 33, इतिहास के 4, भूगोल के 7 तथा अर्थशास्त्रत्त् के 4 पदों पर अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र रोके गये हैं।

 राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए अंतिम रूप से चयनित कुल 593 शिक्षक अभ्यर्थियों को राज्य सरकार ने नियुक्ति पत्र रोक दिया है। यह रोक पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर 26 सितम्बर को विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मद्देनजर जिलों ने लगाई है।

28 सितम्बर को सारण समेत 37 जिलों की जिला परिषद नियोजन इकाइयों द्वारा इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना था लेकिन अब राकेश कुमार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में पटना हाईकोर्ट द्वारा आदेश आने के बाद ही इनके भविष्य पर फैसला हो पाएगा।

जुलाई 2019 से चल रहे छठे चरण के हाईस्कूल-प्लसटू शिक्षकों के नियोजन के पहली मेधा सूची से राज्यभर में 32714 पदों के विरुद्ध महज 2716 शिक्षक नियुक्त हो सके। 29998 पद खाली रह गये। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिला परिषद नियोजन इकाइयों के लिए दूसरे समव्यवहार के तहत 28 सितम्बर को योग्य अभ्यर्थियों के अंतिम चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए नियुक्ति पत्र बांटने का शिड्यूल जारी किया। इसके तहत जहां 36 जिलों में तय तिथि को ही नियुक्ति पत्र बांटे गये, वहीं सारण में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली की बात सामने आने के कारण सघन जांच के बाद 1 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र बंटने की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिली।

विदित है कि पटना जिला परिषद में अभी आवेदन की ही प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरी मेधा सूची से 37 जिलों में सिर्फ 36 शिक्षकों को नियुक्त पत्र मिले। इनमें उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की संख्या सिर्फ चार है जबकि 32 शिक्षक हाईस्कूलों में बहाल हुए हैं। 17 हाईस्कूल शिक्षक अकेले सारण जिला परिषद ने नियुक्त किये हैं।

News:- 1 अक्टूबर 2022 को सौगात देश में स्वदेशी 5जी इंटरनेट शुरू ।

सौगात देश में स्वदेशी 5जी इंटरनेट शुरू

सौगात देश में स्वदेशी 5जी इंटरनेट शुरू
सौगात देश में स्वदेशी 5जी इंटरनेट शुरू
सौगात देश में स्वदेशी 5जी इंटरनेट शुरू

पहले चरण में इन शहरों में हुई सेवा की शुरुआत

पहले चरण के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गांधीनगर, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पुणे में 5जी सेवा की शुरुआत होगी।

नई दिल्ली में शनिवार को 5जी सेवा का आगाज करते पीएम मोदी।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अत्यधिक तीव्र गति की इंटरनेट सुविधा देने वाली स्वेदशी 5जी सेवा की शुरुआत की। उन्होंने इसे एक नए युग की शुरुआत करार दिया।

दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2022 में प्रधानमंत्री ने देश के कुछ चुनिंदा शहरों में 5जी इंटरनेट सेवाओं का उद्घाटन किया। आने वाले दो साल में पूरे देश में 5जी सेवाओं का विस्तार करने की योजना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश दूरसंचार की 2जी, 3जी और 4जी प्रौद्योगिकी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन 5जी सेवा के मामले में देश ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का डिजिटल इंडिया का संकल्प चार स्तंभों- उपकरण की लागत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा लागत एवं डिजिटल-फर्स्ट दृष्टिकोण पर आधारित है।

Today बापू महात्मा गांधी जयंती विशेष :- बिहार के सहरसा जिले के शहर के चांदनी चौक स्थित कोठी में किया था विश्राम

शहर के चांदनी चौक स्थित कोठी में किया था विश्राम

शहर के चांदनी चौक स्थित कोठी में किया था विश्राम
शहर के चांदनी चौक जहां बापू रुके थे।
शहर के चांदनी चौक स्थित कोठी में किया था विश्राम

सहरसा में मिट रही है आजादी की स्मृति

सहरसा में आजादी की स्मृति मिट रही है। इसे संजोकर रखने के लिए ना तो प्रशासन गंभीर है ना ही जनप्रतिनिधि। आजादी के महानायक के कदम रखने वाली जगह हो या अगस्त क्रांति के नायकों की स्मारक स्थली हर जगह उपेक्षित छोड़ रखा गया है या उसमें कोई व्यक्ति रहने लगे हैं।हालत तो यह है कि शहर में कहीं भी बापू की कोई प्रतिमा नहीं है। एक प्रतिमा है वह भी आदमकद जो कि निजी बंद हो चुके स्कूल में है। जिसका लोगों को कोई पता भी नहीं है। इसी प्रकार चांदनी चौक जहां सीने पर गोली खाकर छह देशभक्तों ने शहादत दी थी वह भी आज तक उपेक्षित ही है। आज शहर में बापू की एक प्रतिमा तक नहीं है। 

एक और जहां पूरे देश में स्वतंत्रता मिलने के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा तो वहीं दूसरी ओर शहर के चांदनी चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विश्रामस्थली आजादी के 75 साल बाद भी उपेक्षित है।

गांधीजी वर्ष 1934 में विनाशकारी भूूूकंप से पीड़ति लोगों की सुधि लेने के लिए सहरसा आए थे।उनकी इस यात्रा ने जिले में आजादी के दीवानों में जोश भरने का काम किया था। जब बापू ने भारत छोड़ो आंदोलन का नारा दिया तो 29 अगस्त 1942 को चांदनी चौक समीप नरियार के केदारनाथ तिवारी, चैनपुर के भोला ठाकुर, बलहा के कालेश्वर मंडल, एकाढ़ के धीरो राय तथा बनगांव के पुलकित कामत व हीराकांत झा अंग्रेजों से लड़ाई में शहीद हो गए थे।लेकिन आज स्थिति यह है कि स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रदूत महात्मा गांधी की सहरसा स्थित स्मृति संजोकर नहीं रखी जा रही है। शहर के चांदनी चौक स्थित बापू के विश्रामस्थल को 87 साल बाद भी स्मारक के रूप में बदलने का प्रयास ना तो प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। जिससे नयी पीढी को पता भी नहीं चल रहा है कि सहरसा की धरती पर कभी राष्ष्ट्रपिता बापू के कदम पड़े थे।

भूकंप पीड़ितों की सुध लेने आए थे बापू वर्ष 1934 ई. में बिहार में प्रलयंकारी भूकंप के बाद गांधीजी पीड़ितों की सुधि लेने सहरसा पहुंचे थे। दरभंगा, मधुबनी, सुपौल का दौरा कर पंचगछिया स्टेट में 40 मिनट रूककर एक सभा को संबोधित करने के बाद सहरसा पहुंचे थे।

चांदनी चौक स्थित अंग्रेज अफसरों के लिए बनी एक कोठी में विश्राम किया। देश की आजादी में जुटे आंदोलनकारियों के साथ बैठक कर रणनीतियों पर चर्चा की। भूकंप पीड़ितों को हर संभव सहायता की बात कहीं थी। जहां आज महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी एक-एक वस्तुओं को करोड़ों रूपये में खरीदकर सहेज कर रखा जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका में उनके प्रवास घर को खरीदकर संग्रहालय का रूप दिया जा रहा है। वहीं अपने ही देश में इस अनमोल विरासत की अनदेखी से कोसीवासी मर्माहत हैं। कुछ वर्ष पूर्व जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने गांधीजी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर को विश्व शांति दिवस के रूप में घोषित किया था। उस समय सहरसा के तत्कालीन डीएम नर्मदेश्वर लाल ने चांदनी चौक स्थित इस बंगले की साफ-सफाई व रंगरोगन कार्य कराया था। बंगले के अंदर शिलापट्ट पर बापू के 1934 में यहां ठहरने की बात भी लिखा था। बगल में दीवाल पर टंगी उनकी एक तस्वीर थी।

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