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सोमवार, 3 अक्टूबर 2022
दिल्ली में घूमने का सभी जगह, जहाँ आपलोग दिल्ली जाने के बाद जरूर देखने या घूमने जायें:-
दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह | Places to Visit in Delhi for Kids .
10 से ज्यादा दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह | Places to Visit in Delhi for Kids
दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह – घूमने के लिहाज़ से बच्चों की पसंद बड़ों से जुदा होती है। घूमने के लिये बच्चे ज्यादातर चहल-पुहल भरी मनोरंजक जगह कहीं अधिक पसंद करते हैं। और बड़ों की यह भी एक जिम्मेदारी होती है कि बच्चों को ऐसी जगह ले जायें जहां मनोरंजन के साथ ही उन्हें जानने को भी कुछ मिले। राजधानी दिल्ली में ऐसे कई ख़ूबसूरत ‘स्पॉट’ यानी स्थल मौज़ूद हैं जहां बच्चों को घुमाने लाया जा सकता है।
दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह सूची :-
1. नैशनल जूलॉजिकल पार्क
2. नैशनल रेल म्यूज़ियम
3. ओखला पक्षी अभ्यारण्य
4. राष्ट्रीय बाल भवन
5. एडवेंचर आईलैंड
6. दिल्ली हाट बाजार
7. तीन मूर्ति भवन
8. शंकर अंतर्राष्ट्रीय डॉल म्यूज़ियम
9. वर्ल्ड्स ऑफ़ वंडर वॉटर पार्क
10. वेस्ट टू वंडर पार्क
11. राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र
दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह
यहाँ पर हम आपको दिल्ली में घूमने की जगह के बारे में बता रहे है। जहाँ पर आप अपने बच्चो को घूमने के लिए ले जा सकते है। क्योकिं घर के बड़े लोग और बच्चो की पसंद में अंतर होता है। बच्चे ज्यादातर एडवेंचर के शौकीन होते है। उनके मन में होता है, की वह एक ऐसी जगह पर जाएँ जहाँ पर उनके करने के लिए बहुत सी गतिविधियां मिले, और देखने के लिए कई अध्भुत चीजे आदि। तो निचे आपको कुछ ऐसे ही उद्यान और पार्क आदि के बारे में बताया गया है। जिसमे सभी दिल्ली में घूमने की जगह के टिकट और यह कहाँ पर स्तिथ है, सभी की विस्तार से जानकारी दी गयी है। तो आइये जानते है, दिल्ली में बच्चो के घूमने की जगह के बारे में –
1. नैशनल जूलॉजिकल पार्क
दिल्ली के पुराना किला इलाके में मौज़ूद नैशनल जूलॉजिकल पार्क बच्चों को घुमाने के लिहाज़ से बहुत अच्छी जगह है। नवंबर, 1959 में स्थापित इस प्राणि-उद्दान को 1982 में एक आदर्श चिड़ियाघर होने के नाते राष्ट्रीय जूलॉजिकल पार्क का दर्ज़ा मिला।
यह बच्चों के लिये एक पसंदीदा जगह भी साबित हो सकती है। यहां बड़ों के लिये प्रवेश-शुल्क यानी एंट्री-फ़ीस चालीस जबकि बच्चों के लिये बीस रूपये है। यहां रॉयल बंगाल टाइगर, दलदली हिरन, भौंह सींग वाले हिरन और एशिया के शेर देखे जा सकते हैं। शुक्रवार और सार्वजनिक छुट्टियों वाले दिनों को छोड़कर दिल्ली के इस आदर्श जूलॉजिकल पार्क या चिड़ियाघर में सुबह 9:30 से शाम के 4:30 बजे तक कभी भी जाया जा सकता है।
2. नैशनल रेल म्यूज़ियम
दिल्ली के चाणक्यपुरी के करीब दस एकड़ क्षेत्र में फैले नैशनल रेल म्यूज़ियम की टॉय-ट्रेनें बच्चों को काफी पसंद आती हैं। यहां वे इनकी सवारी का मजा भी ले सकते हैं और प्रदर्शित रेल-मॉडलों से काम की तमाम उपयोगी जानकारियां भी प्राप्त कर सकते हैं।
खास तौर पर बच्चों की खातिर निर्मित कुछ संग्रहालयों में राष्ट्रीय संग्रहालय यानी नैशनल म्यूज़ियम अहम् है। यह बच्चों को इतिहास का बोध कराने के लिये एक बेहतर जगह है। जहां हड़प्पाकालीन अवशेषों से लेकर मनुष्य की आज तक की विकास यात्रा के बारे में जाना जा सकता है।
यहां बड़ों के लिये प्रवेश-शुल्क 50 रूपये जबकि बच्चों के लिये 10 रूपये है। सोमवार या फिर किसी सरकारी छुट्टी के दिन यह म्यूज़ियम बंद रहता है। इसके अलावा किसी भी दिन यहां बच्चों के साथ घूम सकते हैं।
3. ओखला पक्षी अभयारण्य
यदि आपके बच्चे पशु-पक्षियों से लगाव रखते हैं तो दक्षिणी-दिल्ली के ओखला में स्थित ही अभयारण्य उनके घूमने के लिये एक बेहतर और पसंदीदा जगह हो सकती है। यहां तकरीबन तीन सौ किस्म के पक्षी हैं। जिन्हें उनकी प्राकृतिक स्थिति में देखना ख़ासा दिलचस्प हो सकता है। दिल्ली और उत्तर-प्रदेश की सीमा पर करीब चार वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैली यह बर्ड-सैंक्चुअरी यानी अभयारण्य जल-पक्षियों के लिये खासतौर पर अनुकूल है।
यह अभयारण्य उस स्थान पर बना है जहां से यमुना नदी उत्तर-प्रदेश की सीमा में प्रवेश करती है। यहां का एक ख़ास आकर्षण यमुना के प्रवाह को काटकर बनाई गई बड़ी सी झील भी है।
सुबह के सात बजे खुलकर ओखला पक्षी अभयारण्य शाम को पांच बजे बंद होता है। इस बीच यहां किसी भी दिन बच्चों के साथ घूमने को जाया जा सकता है।
4. राष्ट्रीय बाल भवन
बच्चों के मनोरंजन के लिये यहां कई तरह के खेल और अन्य गतिविधियों का आयोजन होता रहता है। 1956 में स्थापित दिल्ली के राष्ट्रीय बाल भवन में हर साल लाखों की तादाद में स्कूली बच्चे अपने शिक्षकों के साथ घूमने को आते हैं।
यहां प्रवेश करने का टिकट मात्र पांच रूपये लगता है। सोमवार और सरकारी छुट्टी के दिनों को छोड़कर सुबह नौ बजे से शाम के पांच बजे तक यहां कभी भी बच्चों को साथ लेकर घूमा जा सकता है।
यहां पर बच्चे कई तरह की गतिविधियों यानी एक्टिविटीज़ में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा यहां स्केट-पार्क, ट्रैफ़िक-पार्क, एम्फीथियेटर या फिर मिनी टॉय-ट्रेन की सवारी का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं।
5. एडवेंचर आईलैंड
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यहां आकर बच्चे एडवेंचरस गेम्स का आनंद ले सकते हैं। हालांकि यहां घूमने आना थोड़ा महंगा है, क्योंकि यहां का प्रवेश-शुल्क पांच सौ रूपये है। पर एडवेंचर आईलैंड देश भर में प्रसिद्ध है। करीब हर छोटे बच्चे को यहां आकर जो मस्ती और मजा आता है, कि यह उसकी सबसे पसंदीदा जगह बन सकती है। एडवेंचर आईलैंड सुबह दस बजे से खुल जाता है।
एडवेंचर आईलैंड दो हिस्सों में बांटा है। जिसमें एक तरफ एम्यूज़मेंट पार्क है और दूसरी ओर एक कृत्रिम यानी आर्टीफ़िशियल झील। ये दोनों भाग एक पुल के ज़रिये जुड़े हुये हैं। पार्क में जहां आप तरह-तरह के एडवेंचरस गेम्स का आनंद ले सकते हैं वहीं झील में नौकायन यानी बोटिंग का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं।
6. दिल्ली हाट बाजार
दक्षिणी दिल्ली में स्थित दिल्ली का हाट बाजार मशहूर है। सुबह दस बजे से लेकर कभी भी यहां आ सकते हैं। आपको यहां कोई प्रवेश-शुल्क भी नहीं देना पड़ता। यहां देशभर से लोगबाग घूमने के लिये आते हैं। अगर आपको स्ट्रीट शॉपिंग करते हुये बच्चों के साथ कुछ चटपटी चीजें खाते-पीते सैर करना है तो दिल्ली का हाट बाजार आपके लिये एक बेहतर गंतव्य हो सकता है। यहां सड़क किनारे काफी कुछ लज़ीज़ स्ट्रीट-फूड खाने को मिल सकता है।
करीब छः एकड़ में बनाया गया यह बाजार दिल्ली की संस्कृति और जीवन-शैली का प्रतिनिधित्व करता है। दिल्ली का हाट बाजार भोजन, संगीत और उत्सवों के लिये देश भर में जाना जाता है।
7. तीन मूर्ति भवन
इस ऐतिहासिक भवन में एक संग्रहालय भी है। यह जगह भी बच्चों के साथ घूमने के लिये ‘बेस्ट’ साबित हो सकती है। यहां भारत की आज़ादी के आंदोलन की सारी तस्वीरें और पांडुलिपियां आपको एक छत के नीचे मौज़ूद मिलती हैं।
भवन एक चौराहे पर है। जहां एक स्तंभ से लगी हुई तीन सैनिकों की अलग-अलग दिशा में मुंह किये मूर्ति बनी है। ये सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध में काम आये। इसी वज़ह से उक्त भवन का नाम तीन मूर्ति भवन पड़ गया।
तीन मूर्ति भवन कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आवास हुआ करता था। और उसके पहले यह ब्रिटिश सेना के कमांडर इन चीफ़ का निवास था। नेहरू जी की मृत्यु के बाद इसे स्मारक में बदल दिया गया। यहां उनके जीवन की झलकियां छायाचित्रों के माध्यम से देखी जा सकती हैं। उन्हें मिला भारत-रत्न भी यहां सहेजकर रखा गया है। सीढ़ीनुमा गुलाब-उद्दान और दूरबीन यानी नेहरू तारामंडल तीन मूर्ति भवन के ख़ास आकर्षण हैं। यहां हर शाम एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होता है।
8. शंकर अंतर्राष्ट्रीय डॉल म्यूज़ियम
गुड़ियों-गुड्डों यानी ‘डॉल्स’ से खेलने का शौक हर बच्चे को होता है। शंकर अंतर्राष्ट्रीय डॉल म्यूज़ियम में 85 से अधिक एशियाई देशों के करीब 6500 गुड़ियों-गुड्डों का संग्रह मौज़ूद है। इसमें लगभग डेढ़ सौ पर भारतीय पोशाक है। जो हमारी लोक-संस्कृति की परिचायक है। इन जानकारियों के साथ ही यहां बच्चों को घुमाने के लिये लाने से उनका अच्छा-खासा मनोरंजन भी हो जाता है।
9. वर्ल्ड्स ऑफ़ वंडर वॉटर पार्क
नोएडा में स्थित इस सुंदर वॉटर-पार्क को खासतौर से बच्चों के लिये ही बनाया गया है। पर बड़े भी यहां आ सकते हैं, और इस वॉटर-पार्क में घूमने का पूरा लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहां पर ‘एंट्री-फ़ीस’ यानी कि प्रवेश-शुल्क थोड़ा महंगा है। पर यहां आने और मिलने वाले और घूमने पर जो आनंद मिलेगा वह सारे खर्च को अदा कर देता है।
यह वॉटर-पार्क शनिवार और इतवार के दिन सुबह के दस बजे से शाम सात बजे तक खुला रहता है। बाकी दिनों में यह पार्क 11 बजे खुलता है। सप्ताह के सातों दिन आप कभी भी यहां आ सकते हैं।
10. वेस्ट टू वंडर पार्क
वेस्ट टू वंडर पार्क में आप दुनिया के सातों अज़ूबों की प्रतिकृति देख सकते हैं। ख़ास बात ये है कि इन्हें कचरे से बनाया गया है। यह पार्क बच्चों के साथ ही बड़ों के लिये भी घूमने की अच्छी जगह है। यह दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास राजीव गांधी स्मृति वन में स्थित है। यह वॉकर्स और जॉगर्स के लिये भी एक पसंदीदा जगह है। हर तरह से ‘नेचर फ़्रैंडली’ इस पार्क में रौशनी के लिये भी पवन और सौर ऊर्जा का उपयोग होता है।
दक्षिणी दिल्ली के सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क में
वयस्कों का प्रवेश-शुल्क 50 रूपये और तीन से बारह साल तक के बच्चों के लिये 25 रूपये है। जबकि दिल्ली नगर निगम के विद्दार्थियों और पैंसठ साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिये कोई एंट्री-फ़ीस नहीं लगती।
11. राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र
जब आप अपने बच्चों को मनोरंजन कराने के साथ ही विज्ञान का भी कुछ बोध कराना चाहते हैं तो राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र इसके लिये सबसे बेहतर जगह है। 1992 में स्थापित राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र पर तमाम गतिविधियों का आयोजन होता रहता है। विज्ञान जगत के दिलचस्प खेलों के अलावा यहां पर समय-समय पर विज्ञान के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान और प्रदर्शनियों का आयोजन भी देखा जा सकता है। यहां घूमने पर बच्चों में विज्ञान की अभिरुचि पैदा होती है। इसके अलावा यहां पर विद्दालय व महाविद्दालय स्तर के शिक्षकों की विज्ञान संबंधी प्रशिक्षण भी होता है।
राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालयों की राष्ट्रीय परिषद का हिस्सा है, जो संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक स्वतंत्र निकाय है। इसकी आठ मंजिला इमारत में सात गैलरियां और सभी आयुवर्गों के लिये अलग-अलग अनुभाग हैं। यहां एक पुस्तकालय, एक प्लैनेटेरियम यानी तारामंडल, साइबर-स्कूल और कैंटीन भी है। राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र के कांफ्रेंस-हॉल में तीन सौ से अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता है।
राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र सुबह के दस बजे से शाम 5:30 तक खुला रहता है। यहां सामान्यतः 40 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से प्रवेश-शुल्क लगता है। पर स्कूली छात्रों के लिये यह मात्र बीस रूपये ही है। इसके अतिरिक्त प्लैनेटेरियम का प्रवेश-शुल्क दस रूपये लगता है।
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